Rekha mishra

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लेखनी कहानी -04-Dec-2021

                          प्यारा गुलाब 

हमारे घर एक ऐसा गुलाब का पौधा था जो ठीक मेरे जन्म के समय मेरे पापा बुढ़ा पुष्कर जो गुलाबो के लिए प्रसिद्ध है लाए थे, वो इतने गुलाब देता के हमारा घर गुलाब की खुशबू से महकता, कम से कम पचास गुलाब हर समय उस पौधे में रहते ही थे, लोग मंदिर में चढाने के लिए लेकर जाते जो सुख कर गिरते उनका मम्मी गुलकन्द  बनाती जो मुझे बहुत पसंद था, 
आज भी पसंद है तो कभी जब पान के लिए कोई बोलता है गुल कन्द ज्यादा डालने को बोलती हूँ, मेरे पापा ने उस पौधे से दो तीन और भी पौधे बनाए वो भी फूल देते कुछ लोग हमारे घर से उस पौधे की कलम लेकर गए लेकिन उनके घर वो पौधा नहीं लगता था कुछ ही समय में सुख जाता, सब कहते ये तुम्हारा पौधा है तुम्हारे घर ही रखो। ये देख लीजिए वो गुलाब काफी समय तक फूल देता रहा। लेकिन जब मेरी सगाई पक्की हुई तो वो कुछ सूखने लगा, फूल भी काफी कम देने लगा, तो मैं और पापा बात करते अब तू  जाने  वालीं है ये समझ गया है और हँसते, आखिर मेरी शादी हो गई उसी में जा चुकी थी मेरे पापा चाहे कितने ही व्यस्त ना हो पौधों का ध्यान रखते ही हैं, पापा ने देखा वो बेज़ान मुरझाने लगा उसे पानी खाद सब मिल रहा था पर फिर वो वापस नहीं उगा बहुत कोशिशों के बाद भी शायद सच में वो मेरे साथ ही घर छोड़ कर चला गया होगा, ये एक इत्तेफाक ही था लेकिन मेरे पिता उसे ठीक उसी दिन लाए जब में हुई, तो हम दोनों का सिर्फ तभी तक का दाना पानी रहा होगा। इस घटना से मानो ऐसा लगा पौधे हमारी बात सुनते मेहसूस करते होंगे। 

 By  rekha mishra

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4 Comments

Rohan Nanda

15-Dec-2021 07:39 PM

Ma'am mai to apka fan bn gya..👏👏

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Swati chourasia

05-Dec-2021 08:24 PM

बिल्कुल ऐसा होता है❤️❤️

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Sana Khan

05-Dec-2021 05:45 PM

Good

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